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📖 अघन्या का अस्तित्व ,गौ माता की अभिनव गाथा ''अस्मिता, अहमियत, अत्याचारों और अधिलारों की दृष्टि में
भारत भूमि पर यदि किसी एक प्रतीक को सनातन धर्म की धरोहर कहा जाए, तो निस्संदेह वह गौ माता हैं। गाय केवल एक जीव नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा और हमारी आत्मा का जीवंत रूप है। भगवान श्रीराम हों या भगवान श्रीकृष्ण—दोनों ही अवतारों का जीवन गौ माता से गहराई से जुड़ा हुआ है।
आज जब पूरी दुनिया "सस्टेनेबिलिटी" और "इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स" की बात कर रही है, तब हमारे ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व ही गौ आधारित जीवनशैली को अपनाकर यह दिखा दिया था कि समृद्धि और सात्विकता का आधार केवल और केवल गोवंश ही है।
इसी सनातन सत्य को सामने लाने और गौ माता पर मंडरा रहे संकट को समझाने के लिए यह पुस्तक प्रस्तुत की गई है।
📌 इस पुस्तक में क्या मिलेगा?
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गाय का महत्व और शास्त्रीय प्रमाण – वेद, पुराण और शास्त्रों में वर्णित गौरव।
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गौ वध का इतिहास – पिछले 1000 वर्षों से चली आ रही परंपरागत पीड़ा।
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गौ रक्षा आंदोलन का इतिहास – संतों, समाजसुधारकों और क्रांतिकारियों के योगदान की गाथा।
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कानूनी समाधान और प्रतिबंध की आवश्यकता – आज की परिस्थिति में गौ हत्या पर पूर्ण पाबंदी के लिए ठोस मार्ग।
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गौ माता के बहुआयामी लाभ – पंचगव्य से लेकर औषधीय महत्व तक।
यह पुस्तक केवल एक साहित्यिक कृति नहीं है, बल्कि यह सामान्य हिंदू जनमानस को जागृत करने का शंखनाद है।
🌿 क्यों जरूरी है गौ माता पर यह पुस्तक?
आज का हिंदू समाज, चाहे वह गांव में रहता हो या महानगर में, कहीं न कहीं अपनी आध्यात्मिक जड़ों से कटता जा रहा है।
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लाखों गायें सड़कों पर भटक रही हैं।
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प्रतिदिन हजारों गौवंश का वध हो रहा है।
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गौशालाओं की स्थिति चिंताजनक है।
इस परिस्थिति में हर जागरूक भारतीय का कर्तव्य है कि वह न केवल गौ रक्षा का संकल्प ले, बल्कि गौ संवर्धन में भी भागीदार बने।
यह पुस्तक हर हिंदू को याद दिलाती है कि –
👉 गाय पर प्रहार करना, वास्तव में हिंदू आत्मा पर प्रहार करना है।
👉 गौरक्षा कोई राजनीति नहीं, यह सनातन से चला आ रहा तपस्विक संकल्प है।
👉 जब तक एक सामान्य हिंदू गाय की सेवा को अपनी पारिवारिक जिम्मेदारी की तरह नहीं समझेगा, तब तक भारत भूमि पुनः समृद्ध नहीं हो सकती।
✨ गौ सेवा: एक जीवनशैली
लेखक का स्पष्ट संदेश है कि केवल भावनात्मक जुड़ाव काफी नहीं। हमें अपनी जीवनशैली में गौ आधारित उत्पादों को शामिल करना चाहिए।
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घर में पंचगव्य से बने साबुन, तेल और औषधियाँ लाएँ।
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गाय के गोबर से बने दीपक, धूपबत्ती और अन्य वस्तुओं का उपयोग करें।
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गौशालाओं से जुड़कर उनका सहयोग करें।
जब हम अपने दैनिक जीवन में गो-उत्पादों का प्रयोग करेंगे, तभी गौ माता सशक्त होंगी और हमें भी स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।
📢 'अभी नहीं तो कभी नहीं' – हिन्दू समाज के लिए पुकार
यह पुस्तक एक आह्वान है—
🔔 यदि अब भी हम नहीं जागे, तो आने वाली पीढ़ियाँ हमें क्षमा नहीं करेंगी।
🔔 गौ रक्षा और पूरे भारत में गौ हत्या पाबंदी केवल हिंदुओं की ही नहीं, बल्कि इस देश की आत्मा की मांग है।
🔔 अब हिंदू समाज मौन नहीं रहेगा। गौ हत्या का एक भी मामला असहनीय है।
📌 क्यों पढ़ें यह पुस्तक Garuda marketplace से?
Garuda marketplace केवल एक प्रकाशन नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को जीवित रखने का मिशन है।
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यहाँ आपको वही पुस्तकें मिलेंगी जो भारत का सही दृष्टिकोण प्रस्तुत करती हैं।
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यह पुस्तक गौरक्षा आंदोलन की प्रामाणिक आवाज़ है।
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Garuda Marketplace से यह पुस्तक खरीदकर आप न केवल एक पुस्तक लेते हैं, बल्कि गौ रक्षा के संकल्प को मजबूती देते हैं।
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👉 यदि आप गौ माता के महत्व, गौरक्षा आंदोलन और हिंदू समाज की जिम्मेदारी को गहराई से समझना चाहते हैं, तो यह पुस्तक हर घर की शेल्फ़ पर होनी चाहिए।
👉 इसे पढ़कर आप न केवल स्वयं जागरूक होंगे, बल्कि समाज में भी गौ रक्षा की लौ जलाएँगे।
✍️ निष्कर्ष
गौ माता सनातन संस्कृति की आत्मा हैं। यह पुस्तक केवल पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि जीवन में उतारने के लिए है।
आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें—
👉 गौ रक्षा ही राष्ट्र रक्षा है।
👉 गौ संवर्धन ही संस्कृति संवर्धन है।
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