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Sadhe Dhaee Akshar Vyangy Ke साढ़े ढाई अक्षर व्यंग्य के

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Product Description
साढ़े ढाई अक्षर व्यंग्य के - जाने माने हास्य व्यंग्य कवि विनीत पाण्डेय का पहला व्यंग्य गद्य संग्रह है। यह संग्रह इस बात को सिद्ध करता है कि एक कवि, कविता से इतर जब कुछ लिखता है तो उसे कितना मजेदार बना देता है। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में हमारे आस पास घटती घटनाओं में कितना रस और आनंद हो सकता है और उन्हें सरल भाषा में व्यक्त कर रुचिकर तरीके से किस तरह प्रस्तुत किया जा सकता है वो इस किताब को पढ़ने पर महसूस होता है । किसी साधारण घटना को असाधारण दृष्टि से देख कर दूसरों के देखने लायक बनाना जितना कठिन होता है, उसका परिणाम उतना ही सुखद होता है । इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों का व्यंग्य के विभिन्न पक्षों से परिचय भी होगा और कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर विचार करने का अवसर भी प्राप्त होगा ।
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साढ़े ढाई अक्षर व्यंग्य के - जाने माने हास्य व्यंग्य कवि विनीत पाण्डेय का पहला व्यंग्य गद्य संग्रह है। यह संग्रह इस बात को सिद्ध करता है कि एक कवि, कविता से इतर जब कुछ लिखता है तो उसे कितना मजेदार बना देता है। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में हमारे आस पास घटती घटनाओं में कितना रस और आनंद हो सकता है और उन्हें सरल भाषा में व्यक्त कर रुचिकर तरीके से किस तरह प्रस्तुत किया जा सकता है वो इस किताब को पढ़ने पर महसूस होता है । किसी साधारण घटना को असाधारण दृष्टि से देख कर दूसरों के देखने लायक बनाना जितना कठिन होता है, उसका परिणाम उतना ही सुखद होता है । इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों का व्यंग्य के विभिन्न पक्षों से परिचय भी होगा और कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर विचार करने का अवसर भी प्राप्त होगा ।
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