My Cart

बहुमुखी प्रतिभा के धनी यशःशेष श्री गणेश वर्मा की ये कृति, नैवेद्य, उस अपौरुषेय, असीम, अनादि, अनंत शक्ति—जिन्हें कवि ने 'भुवनेश्वर', 'करुणाकर', 'दीनेश्वर', 'जगदीश्वर' आदि नामों से सम्बोधित किया है—की भक्ति में सर्वस्व समर्पण करने के लिए प्रेरित करती है। साथ ही छोटी-बड़ी 100 कविताओं में कवि ने भारत के उस कालखण्ड का भी मनन किया है, जब भारत में ज्ञान सर्वोपरि था, संतोष था, त्याग की भावना थी।
गुरुदेव रविंद्रनाथ ठाकुर के मनोभावों की छाया "गीतांजलि", जिसके लिए गुरुदेव को नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया, की पुनः रचना भी श्री वर्मा जो पाठकों के सामने "गीतांजलि-पुनः पाठ” के नाम से उपलब्ध है।
ISBN 13 | 9781942426820 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 184 |
Edition | 2022 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Packages New Release Books |
Weight | 230.00 g |
Dimension | 13.00 x 20.00 x 2.00 |
Add a Review
बहुमुखी प्रतिभा के धनी यशःशेष श्री गणेश वर्मा की ये कृति, नैवेद्य, उस अपौरुषेय, असीम, अनादि, अनंत शक्ति—जिन्हें कवि ने 'भुवनेश्वर', 'करुणाकर', 'दीनेश्वर', 'जगदीश्वर' आदि नामों से सम्बोधित किया है—की भक्ति में सर्वस्व समर्पण करने के लिए प्रेरित करती है। साथ ही छोटी-बड़ी 100 कविताओं में कवि ने भारत के उस कालखण्ड का भी मनन किया है, जब भारत में ज्ञान सर्वोपरि था, संतोष था, त्याग की भावना थी।
गुरुदेव रविंद्रनाथ ठाकुर के मनोभावों की छाया "गीतांजलि", जिसके लिए गुरुदेव को नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया, की पुनः रचना भी श्री वर्मा जो पाठकों के सामने "गीतांजलि-पुनः पाठ” के नाम से उपलब्ध है।
ISBN 13 | 9781942426820 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 184 |
Edition | 2022 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Packages New Release Books |
Weight | 230.00 g |
Dimension | 13.00 x 20.00 x 2.00 |
Add a Review

Garuda Prakashan
₹162.00

Garuda Prakashan
₹162.00