Menu
Category All Category
Urban Naxals (Hindi)
by   Vivek Agnihotri (Author)  
by   Vivek Agnihotri (Author)   (show less)
Urban Naxals (Hindi)
Product Description
सफल बॉलीवुड निर्देशक विवेक अग्निहोत्री एक फिल्म बनाते हैं "बुद्धा इन ए ट्रैफिक जैम"। एक ऐसी फिल्म जिसमें कोई पैसा नहीं लगाना चाहता; एक ऐसा निर्देशक जिसे ये फिल्म बनाने के लिए 'बॉलीवुड परिवार' से अलग कर दिया जाता है; उनके मित्र भी पीछे हट जाते हैं। एक ऐसी फिल्म जिसे बनाने विवेक अग्निहोत्री स्वयं अकेले ही चल पड़ते हैं--और धीरे-धीरे उनका साथ देने वाले भी मिल जाते हैं।
किन्तु न सिर्फ फिल्म जगत में, बल्कि शिक्षण संस्थानों में स्थापित सत्ता भी नहीं चाहती थी कि ये फिल्म दर्शकों तक पहुँचे। जब इस फिल्म को सिनेमा के परदे पर आने की आशा समाप्त होती दिखी, तो विवेक अग्निहोत्री ने इस फिल्म को देश के कुछ बहुत ही प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों, तकनीकी संस्थानों में जा-जा कर प्रदर्शित करने का निर्णय लिया।
ऐसा क्या था इस फिल्म में कि कई बार उन पर जानलेवा हमले हुए और फिल्म के प्रदर्शन को रोकने के लिए अनेक हथकंडे अपनाए गए?
अर्बन नक्सल्स एक फिल्म के बनने से लेकर उसके प्रदर्शन को रोकने तक की पूरी यात्रा के दौरान हुई घटनाओं के जरिये 'अर्बन नक्सल्स' का रहस्योद्घाटन करती है।
Product Details
ISBN 13 9781942426707
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 469
Edition 2021
GAIN A98OF6Z2C4Q
Publishers Garuda Prakashan  
Category Packages   Offers  
Weight 550.00 g
Dimension 14.00 x 21.00 x 2.00

Add a Review

5.0
4 Reviews
Product Description
सफल बॉलीवुड निर्देशक विवेक अग्निहोत्री एक फिल्म बनाते हैं "बुद्धा इन ए ट्रैफिक जैम"। एक ऐसी फिल्म जिसमें कोई पैसा नहीं लगाना चाहता; एक ऐसा निर्देशक जिसे ये फिल्म बनाने के लिए 'बॉलीवुड परिवार' से अलग कर दिया जाता है; उनके मित्र भी पीछे हट जाते हैं। एक ऐसी फिल्म जिसे बनाने विवेक अग्निहोत्री स्वयं अकेले ही चल पड़ते हैं--और धीरे-धीरे उनका साथ देने वाले भी मिल जाते हैं।
किन्तु न सिर्फ फिल्म जगत में, बल्कि शिक्षण संस्थानों में स्थापित सत्ता भी नहीं चाहती थी कि ये फिल्म दर्शकों तक पहुँचे। जब इस फिल्म को सिनेमा के परदे पर आने की आशा समाप्त होती दिखी, तो विवेक अग्निहोत्री ने इस फिल्म को देश के कुछ बहुत ही प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों, तकनीकी संस्थानों में जा-जा कर प्रदर्शित करने का निर्णय लिया।
ऐसा क्या था इस फिल्म में कि कई बार उन पर जानलेवा हमले हुए और फिल्म के प्रदर्शन को रोकने के लिए अनेक हथकंडे अपनाए गए?
अर्बन नक्सल्स एक फिल्म के बनने से लेकर उसके प्रदर्शन को रोकने तक की पूरी यात्रा के दौरान हुई घटनाओं के जरिये 'अर्बन नक्सल्स' का रहस्योद्घाटन करती है।
Product Details
ISBN 13 9781942426707
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 469
Edition 2021
GAIN A98OF6Z2C4Q
Publishers Garuda Prakashan  
Category Packages   Offers  
Weight 550.00 g
Dimension 14.00 x 21.00 x 2.00

Add a Review

5.0
4 Reviews
Frequently Bought Together

Garuda Prakashan

This Item: Urban Naxals (Hindi)

₹259.00

Garuda Prakashan

₹90.00

Garuda Prakashan

₹370.00

Choose items to buy together
Urban Naxals (Hindi)
by   Vivek Agnihotri (Author)  
by   Vivek Agnihotri (Author)   (show less)
5 Ratings & 4 Reviews
Verify Verified by Garuda
verified-by-garuda Verified by Garuda
4 Reviews
₹399.00₹259.00
₹399.00₹259.00
Frequently Bought Together

Garuda Prakashan

This Item: Urban Naxals (Hindi)

₹259.00

Garuda Prakashan

₹90.00

Garuda Prakashan

₹370.00

Choose items to buy together