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ABOUT THE BOOK:-
यह पुस्तक एक पहल है, जो मुझे आशा देती है कि पुस्तकों की दुनिया में यह एक नये युग की शुरुआत करेगी| हम सभी के अंदर जन्म से रचनात्मकता की अभिव्यक्ति की अद्भुत शक्ति है। इस शक्ति के प्रति जागरूकता लाने के लिये और हमारे बीच संबंध स्थापित करने के लिये, मैंने इस पुस्तक को इंटरनेट (www.vivekagnihotri.com/thebookoflife) से जोड़ा है। यहाँ, आप इस पुस्तक में लिखी गयी कहानियों पर अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं और अपना दृष्टिकोण साझा कर सकते हैं, जिससे यह पुस्तक संवादात्मक बन जायेगी; तभी 'जीवन की रसधारा' को उसका सही अर्थ मिलेगा।
मैं, आप सभी पाठकों से किसी भी विषय पर कहानी लिखने और उसे इस वेबसाइट के माध्यम से मेरे साथ साझा करने के लिये आग्रह करता हूँ; हम इन कहानियों को www.vivekagnihotri.com/stories पर प्रकाशित करेंगे। मैंने हमेशा लोगों को लेखन के प्रति और सृजनात्मकता के प्रति प्रोत्साहित किया है। मेरा ऐसा विश्वास है कि हम में से हर कोई कहानी लिख सकता है, क्योंकि हम में से हर कोई 'कल्पना' कर सकता है। जैसे कि कोई तीन शब्द लें - सैनिक, युद्ध और पदक। अब अगर इन तीन शब्दों को लेकर आप कल्पना करें तो आपके मन में क्या आता है? शायद... एक सैनिक की कहानी जिसने बहादुरी से युद्ध लड़ा और पदक प्राप्त किया... इस प्रकार एक कहानी शुरू होती है... अब इस कहानी का विस्तार किया जा सकता है, जैसे कि युद्ध कैसे शुरू हुआ? क्या परिस्थितियाँ थीं? क्या परिणाम हुआ? इत्यादि।
अगर देखा जाये तो यह जीवन भी एक कहानी है। वस्तुतः यह संसार ही एक कहानी है तभी तो इसे माया कहा गया है। आप भी एक कलम उठाएँ और अपनी कहानी लिखें; इसे मेरे साथ साझा करें और जब हमारे पास पर्याप्त कहानियाँ एकत्रित हो जाएँगी, तो हम सर्वश्रेष्ठ कहानियों का चयन करेंगे और उन्हें 'जीवन की रसधारा - भाग 2' में प्रकाशित करेंगे जो आपके जीवन की पुस्तक, मेरी जीवन की पुस्तक और हमारे जीवन की पुस्तक बनेगी।
—विवेक रंजन अग्निहोत्री
Contents
खंड-1
भय और साहस
✍साहस का अर्थ क्या है?
✍हमें डर क्यों लगता है?
✍आखिर हम निडर होकर कैसे जी सकते हैं?
खंड-2
विभ्रन्तियों से बाहर निकलें नकारात्मकता का तिरस्कार करें
✍अपने जीवन का नियंत्रण किसी और के हाथों में न दें:
✍क्या आप जानते हैं कि प्रायः आपका मन अशांत क्यों हो जाता है?
✍टी.वी. न्यूज़ देखना धीमा ज़हर खाने जैसा क्यूँ है?
✍डाइट कल्चर के मायने क्या हैं?
✍क्या आपको महत्त्वहीन समझा जाता है?
खंड-3
खोज एवं अनुभव
✍एलर्जी केवल प्रकृति के साथ आपके टूटे रिश्ते का परिणाम है
✍हमें दूसरों की सहायता क्यों करना चाहिये?
✍झूला झूलने से हमारा मन प्रफुल्लित क्यों हो जाता है?
✍हमें पूर्ण को प्राप्त करने की चेष्टा क्यों नहीं करना चाहिये?
✍शांति ही गति है
✍सत्य के प्रकटीकरण में मौन का योगदान
✍आप अपने आपको रीबूट कैसे कर सकते हैं?
✍जीवन का उद्देश्य क्या है?
✍ऐसा क्यूँ है कि सारे दुःख भविष्य में और सारे
सुख वर्तमान में होते हैं?
✍क्या ‘मैं नहीं जानता’ रचनात्मकता का मूल-मन्त्र है? क्यूँ ?
✍‘सांसारिक ताना-बाना और ध्यान’
✍सत्य क्या है?
खंड 4
सफलता पर
✍सफलता का मूलभूत अर्थ क्या है?
✍आपकी सफलता किस पर आश्रित है?
✍क्या सफलता का अर्थ बड़ा बनने से है?
✍किसी विचार को उसके लक्ष्य तक पहुंचाना ही सफलता है
खंड 5
उत्कृष्टता की ओर
✍कोई भी कार्य को करने के पहले, उसके अभिप्राय का स्पष्ट होना महत्वपूर्ण क्यूँ है?
✍आपको कौन परिभाषित करता है?
✍क्या आपका मन ही, आपका सबसे बड़ा शत्रु है?
✍जब कोई आपको जानकर आहत करने का प्रयास करे,
तब आपको क्या करना चाहिये?
✍जब कोई आपकी नाहक प्रशंसा करता है तो आपको
✍उसके प्रति सजग क्यों हो जाना चाहिये?
✍क्या आप केवल एक कठपुतली हैं?
✍उत्तरदायित्व, प्रतिक्रिया करने से कहीं अधिक महत्त्व रखता है
✍आपका सबसे बड़ा शत्रु, आपके अंदर छुपे आलोचक
से आप कैसे पीछा छुड़ा सकते हैं?
खंड 6
स्वयं और समाज पर मेरे विचार
✍क्या ब्रह्मांड का रहस्य शून्य में अंकित है?
✍क्या ‘राजनीतिक रूप से सही होना’ और ‘सही होना’
दो अलग-अलग बातें हैं?
✍हम किसी भी चीज़ का मूल्य उसे खोये बिना
क्यों नहीं समझ पाते?
✍हम चीज़ों को टालते क्यों हैं?
✍किसी भी काम के प्रति, सच्चा आशय रखने के बाद भी
हम उसमे विलंब क्यों करते हैं?
खंड 7
राष्ट्र, धर्म, धरोहर और सभ्यता पर मेरे विचार:
✍हिंदुत्व - रचनात्मक परिप्रेक्ष्य
✍आज के भारत में हिंसा का मूल कारण क्या है?
✍भारतीय युद्ध सिद्धांत
✍क्या हम सरकार से कम भ्रष्ट हैं?
✍बलिदानियों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि क्या होनी चाहिये?
✍स्वाध्याय का महत्त्व
✍रचनात्मकता और परमात्मा
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ABOUT THE BOOK:-
यह पुस्तक एक पहल है, जो मुझे आशा देती है कि पुस्तकों की दुनिया में यह एक नये युग की शुरुआत करेगी| हम सभी के अंदर जन्म से रचनात्मकता की अभिव्यक्ति की अद्भुत शक्ति है। इस शक्ति के प्रति जागरूकता लाने के लिये और हमारे बीच संबंध स्थापित करने के लिये, मैंने इस पुस्तक को इंटरनेट (www.vivekagnihotri.com/thebookoflife) से जोड़ा है। यहाँ, आप इस पुस्तक में लिखी गयी कहानियों पर अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं और अपना दृष्टिकोण साझा कर सकते हैं, जिससे यह पुस्तक संवादात्मक बन जायेगी; तभी 'जीवन की रसधारा' को उसका सही अर्थ मिलेगा।
मैं, आप सभी पाठकों से किसी भी विषय पर कहानी लिखने और उसे इस वेबसाइट के माध्यम से मेरे साथ साझा करने के लिये आग्रह करता हूँ; हम इन कहानियों को www.vivekagnihotri.com/stories पर प्रकाशित करेंगे। मैंने हमेशा लोगों को लेखन के प्रति और सृजनात्मकता के प्रति प्रोत्साहित किया है। मेरा ऐसा विश्वास है कि हम में से हर कोई कहानी लिख सकता है, क्योंकि हम में से हर कोई 'कल्पना' कर सकता है। जैसे कि कोई तीन शब्द लें - सैनिक, युद्ध और पदक। अब अगर इन तीन शब्दों को लेकर आप कल्पना करें तो आपके मन में क्या आता है? शायद... एक सैनिक की कहानी जिसने बहादुरी से युद्ध लड़ा और पदक प्राप्त किया... इस प्रकार एक कहानी शुरू होती है... अब इस कहानी का विस्तार किया जा सकता है, जैसे कि युद्ध कैसे शुरू हुआ? क्या परिस्थितियाँ थीं? क्या परिणाम हुआ? इत्यादि।
अगर देखा जाये तो यह जीवन भी एक कहानी है। वस्तुतः यह संसार ही एक कहानी है तभी तो इसे माया कहा गया है। आप भी एक कलम उठाएँ और अपनी कहानी लिखें; इसे मेरे साथ साझा करें और जब हमारे पास पर्याप्त कहानियाँ एकत्रित हो जाएँगी, तो हम सर्वश्रेष्ठ कहानियों का चयन करेंगे और उन्हें 'जीवन की रसधारा - भाग 2' में प्रकाशित करेंगे जो आपके जीवन की पुस्तक, मेरी जीवन की पुस्तक और हमारे जीवन की पुस्तक बनेगी।
—विवेक रंजन अग्निहोत्री
Contents
खंड-1
भय और साहस
✍साहस का अर्थ क्या है?
✍हमें डर क्यों लगता है?
✍आखिर हम निडर होकर कैसे जी सकते हैं?
खंड-2
विभ्रन्तियों से बाहर निकलें नकारात्मकता का तिरस्कार करें
✍अपने जीवन का नियंत्रण किसी और के हाथों में न दें:
✍क्या आप जानते हैं कि प्रायः आपका मन अशांत क्यों हो जाता है?
✍टी.वी. न्यूज़ देखना धीमा ज़हर खाने जैसा क्यूँ है?
✍डाइट कल्चर के मायने क्या हैं?
✍क्या आपको महत्त्वहीन समझा जाता है?
खंड-3
खोज एवं अनुभव
✍एलर्जी केवल प्रकृति के साथ आपके टूटे रिश्ते का परिणाम है
✍हमें दूसरों की सहायता क्यों करना चाहिये?
✍झूला झूलने से हमारा मन प्रफुल्लित क्यों हो जाता है?
✍हमें पूर्ण को प्राप्त करने की चेष्टा क्यों नहीं करना चाहिये?
✍शांति ही गति है
✍सत्य के प्रकटीकरण में मौन का योगदान
✍आप अपने आपको रीबूट कैसे कर सकते हैं?
✍जीवन का उद्देश्य क्या है?
✍ऐसा क्यूँ है कि सारे दुःख भविष्य में और सारे
सुख वर्तमान में होते हैं?
✍क्या ‘मैं नहीं जानता’ रचनात्मकता का मूल-मन्त्र है? क्यूँ ?
✍‘सांसारिक ताना-बाना और ध्यान’
✍सत्य क्या है?
खंड 4
सफलता पर
✍सफलता का मूलभूत अर्थ क्या है?
✍आपकी सफलता किस पर आश्रित है?
✍क्या सफलता का अर्थ बड़ा बनने से है?
✍किसी विचार को उसके लक्ष्य तक पहुंचाना ही सफलता है
खंड 5
उत्कृष्टता की ओर
✍कोई भी कार्य को करने के पहले, उसके अभिप्राय का स्पष्ट होना महत्वपूर्ण क्यूँ है?
✍आपको कौन परिभाषित करता है?
✍क्या आपका मन ही, आपका सबसे बड़ा शत्रु है?
✍जब कोई आपको जानकर आहत करने का प्रयास करे,
तब आपको क्या करना चाहिये?
✍जब कोई आपकी नाहक प्रशंसा करता है तो आपको
✍उसके प्रति सजग क्यों हो जाना चाहिये?
✍क्या आप केवल एक कठपुतली हैं?
✍उत्तरदायित्व, प्रतिक्रिया करने से कहीं अधिक महत्त्व रखता है
✍आपका सबसे बड़ा शत्रु, आपके अंदर छुपे आलोचक
से आप कैसे पीछा छुड़ा सकते हैं?
खंड 6
स्वयं और समाज पर मेरे विचार
✍क्या ब्रह्मांड का रहस्य शून्य में अंकित है?
✍क्या ‘राजनीतिक रूप से सही होना’ और ‘सही होना’
दो अलग-अलग बातें हैं?
✍हम किसी भी चीज़ का मूल्य उसे खोये बिना
क्यों नहीं समझ पाते?
✍हम चीज़ों को टालते क्यों हैं?
✍किसी भी काम के प्रति, सच्चा आशय रखने के बाद भी
हम उसमे विलंब क्यों करते हैं?
खंड 7
राष्ट्र, धर्म, धरोहर और सभ्यता पर मेरे विचार:
✍हिंदुत्व - रचनात्मक परिप्रेक्ष्य
✍आज के भारत में हिंसा का मूल कारण क्या है?
✍भारतीय युद्ध सिद्धांत
✍क्या हम सरकार से कम भ्रष्ट हैं?
✍बलिदानियों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि क्या होनी चाहिये?
✍स्वाध्याय का महत्त्व
✍रचनात्मकता और परमात्मा
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₹339.00

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