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Product Description
16 मार्च 2021 को माँ को पैरालिसिस अटैक आया। असर उनके गले और दिमाग में हल्का सा था। माँ की आवाज चली गई, माँ खाना भी नहीं खा पा रही थी।सिर्फ लिक्विड (तरल) चीजें ही उनके अंदर जा रही थी।एक हफ्ते हॉस्पिटल में थी। डॉक्टर ने कहा, आवाज आने में और पूरी तरह ठीक होने में समय लगेगा। माँ को हम देखने गए। और उसी दिन अस्पताल से छुट्टी होगयी। मेरे और भी भाई बहन हम माँ को लेकर घर आ गए मैं मायके में 15 दिन रही माँ के पास जितना मैं सेवा कर सकती थी कर रही थी माँ मेरी बिल्कुल बच्ची सी हो गई थी ऐसा लग रहा था अब मैं माँ हूँ ये मेरी बच्ची है बोल पाती नहीं थी हाँ , नहीं कभी कभी कहती थी।हमने बहुत प्यार दिया मैं और मेरी बहन जो मुझसे बड़ी हैं, साथ ही गए थे और माँ की बहुत खिदमत (सेवा) किया।
Product Details
ISBN 13 | 9789394369238 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 60 |
Author | Nazrin Ansari |
GAIN | KH8D33WDF16 |
Product Dimensions | 5.50 x 8.50 |
Category | Books Children and Young Adults Story Books |
Weight | 50.00 g |
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Product Description
16 मार्च 2021 को माँ को पैरालिसिस अटैक आया। असर उनके गले और दिमाग में हल्का सा था। माँ की आवाज चली गई, माँ खाना भी नहीं खा पा रही थी।सिर्फ लिक्विड (तरल) चीजें ही उनके अंदर जा रही थी।एक हफ्ते हॉस्पिटल में थी। डॉक्टर ने कहा, आवाज आने में और पूरी तरह ठीक होने में समय लगेगा। माँ को हम देखने गए। और उसी दिन अस्पताल से छुट्टी होगयी। मेरे और भी भाई बहन हम माँ को लेकर घर आ गए मैं मायके में 15 दिन रही माँ के पास जितना मैं सेवा कर सकती थी कर रही थी माँ मेरी बिल्कुल बच्ची सी हो गई थी ऐसा लग रहा था अब मैं माँ हूँ ये मेरी बच्ची है बोल पाती नहीं थी हाँ , नहीं कभी कभी कहती थी।हमने बहुत प्यार दिया मैं और मेरी बहन जो मुझसे बड़ी हैं, साथ ही गए थे और माँ की बहुत खिदमत (सेवा) किया।
Product Details
ISBN 13 | 9789394369238 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 60 |
Author | Nazrin Ansari |
GAIN | KH8D33WDF16 |
Product Dimensions | 5.50 x 8.50 |
Category | Books Children and Young Adults Story Books |
Weight | 50.00 g |