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-:पुस्तक परिचय:-
भारतीय वन सेवा के मध्य प्रदेश के सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक,
श्री एस. आर. रावत के 37 वर्षों के सेवाकाल का, यह संस्मरण एक जीवंत दस्तावेज़ है। यह पुस्तक फॉरेस्ट कॉलेज की प्रशिक्षण अवधि से लेकर सेवानिवृति तक की लगभग चार दशकों की यात्रा का प्रमाणिक वर्णन प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में, प्रकृति के सान्निध्य में बिताए गए अविस्मरणीय क्षणों, वन्यजीवों, विविध मैदानी चुनौतियों के प्रत्यक्ष अनुभवों का व्यापक चित्रण, छोटी-छोटी सच्ची कहानियों के माध्यम से किया गया है।
इस पुस्तक में लेखक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विविध वन क्षेत्रों में किए गए वानिकी कार्यों तथा संरक्षण प्रयासों से जुड़े अपने गहन अनुभवों से अवगत कराते हैं।
चुनौतीपूर्ण कठिनाइयों के बीच, वनों के सर्वेक्षण सीमांकन, और फील्ड वर्क के आधार पर तैयार की गई कई योजनाएँ इस पुस्तक की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक हैं। ये योजनाएँ केवल कागजी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि ऐसे दूरदर्शी खाके हैं जिन्होंने आने वाले दस से पंद्रह वर्षों तक वन प्रबंधन की दिशा तय की। सिवनी और बालाघाट वन मंडलों के लिए बनाई गई 5 वर्षों की अवधि की फील्ड आधारित योजनाएँ श्री रावत द्वारा निर्मित ये योजनाएँ उनके व्यावसायिक कौशल, वनों के प्रति गहरी निष्ठा का सशक्त प्रमाण हैं। इन योजनाओं ने वनों के प्रबंधन को नई दिशा दी।
“एक फॉरेस्ट ऑफीसर की डायरी” वन कर्मचारियों की रोज़मर्रा की कठिनाइयों को, विशेष रूप से प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक उन सभी के लिए उपयुक्त है जो वनों के महत्व को समझते हैं, वन सेवा के कठिन जीवन को करीब से जानना चाहते हैं, या केवल एक वन अधिकारी की प्रेरणादायक यात्रा से जुड़ना चाहते हैं। यह दस्तावेज़ श्री एस. आर. रावत के वन अधिकारी के रूप में कठिनाइयों भरे जीवन और वनों के प्रति उनके अटूट प्रेम का जीवंत प्रमाण है।
| ISBN 13 | 9788199289505 |
| Book Language | Hindi |
| Binding | Paperback |
| Publishing Year | 2025 |
| Total Pages | 266 |
| Edition | First |
| GAIN | 32GTFH4N69C |
| Publishers | Garuda Prakashan |
| Category | Biographies, Diaries & True Accounts |
| Weight | 270.00 g |
| Dimension | 15.50 x 23.00 x 2.00 |
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-:पुस्तक परिचय:-
भारतीय वन सेवा के मध्य प्रदेश के सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक,
श्री एस. आर. रावत के 37 वर्षों के सेवाकाल का, यह संस्मरण एक जीवंत दस्तावेज़ है। यह पुस्तक फॉरेस्ट कॉलेज की प्रशिक्षण अवधि से लेकर सेवानिवृति तक की लगभग चार दशकों की यात्रा का प्रमाणिक वर्णन प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में, प्रकृति के सान्निध्य में बिताए गए अविस्मरणीय क्षणों, वन्यजीवों, विविध मैदानी चुनौतियों के प्रत्यक्ष अनुभवों का व्यापक चित्रण, छोटी-छोटी सच्ची कहानियों के माध्यम से किया गया है।
इस पुस्तक में लेखक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विविध वन क्षेत्रों में किए गए वानिकी कार्यों तथा संरक्षण प्रयासों से जुड़े अपने गहन अनुभवों से अवगत कराते हैं।
चुनौतीपूर्ण कठिनाइयों के बीच, वनों के सर्वेक्षण सीमांकन, और फील्ड वर्क के आधार पर तैयार की गई कई योजनाएँ इस पुस्तक की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक हैं। ये योजनाएँ केवल कागजी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि ऐसे दूरदर्शी खाके हैं जिन्होंने आने वाले दस से पंद्रह वर्षों तक वन प्रबंधन की दिशा तय की। सिवनी और बालाघाट वन मंडलों के लिए बनाई गई 5 वर्षों की अवधि की फील्ड आधारित योजनाएँ श्री रावत द्वारा निर्मित ये योजनाएँ उनके व्यावसायिक कौशल, वनों के प्रति गहरी निष्ठा का सशक्त प्रमाण हैं। इन योजनाओं ने वनों के प्रबंधन को नई दिशा दी।
“एक फॉरेस्ट ऑफीसर की डायरी” वन कर्मचारियों की रोज़मर्रा की कठिनाइयों को, विशेष रूप से प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक उन सभी के लिए उपयुक्त है जो वनों के महत्व को समझते हैं, वन सेवा के कठिन जीवन को करीब से जानना चाहते हैं, या केवल एक वन अधिकारी की प्रेरणादायक यात्रा से जुड़ना चाहते हैं। यह दस्तावेज़ श्री एस. आर. रावत के वन अधिकारी के रूप में कठिनाइयों भरे जीवन और वनों के प्रति उनके अटूट प्रेम का जीवंत प्रमाण है।
| ISBN 13 | 9788199289505 |
| Book Language | Hindi |
| Binding | Paperback |
| Publishing Year | 2025 |
| Total Pages | 266 |
| Edition | First |
| GAIN | 32GTFH4N69C |
| Publishers | Garuda Prakashan |
| Category | Biographies, Diaries & True Accounts |
| Weight | 270.00 g |
| Dimension | 15.50 x 23.00 x 2.00 |
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₹479.00
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