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ट्रांसिल्वेनिया स्थित एक शानदार महल में रहने वाले ड्रैकुला ने अपनी तंत्र शक्ति से पता लगा लिया था कि उसकी रानी का पुनर्जन्म भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हो चुका है। ‘चित्रा’ के रोप्प में जन्मी यह लड़की पूर्वजन्म में ड्रैकुला की रानी थी, जिसे वह किसी भी हालत में पाना चाहता है। अपनी शक्ति कायम रखने के लिए और उसे बढ़ाने के लिए अब वह मुंबई के लोगों का खून पी रहा है। इस कार्य में उसका साथ उसकी तीन नरपिशाचिनी प्रेमिकाएँ दे रहीं हैं, जो उसे बहुत चाहतीं हैं।
दुर्ग्भाग्यवश, ड्रैकुला का सामना हो जाता है चित्रा के सच्चे प्रेमी रूद्र से, जो भगवान् शिव का भक्त और एक अघोरी है। क्या ड्रैकुला अपनी रानी को प्राप्त कर पायेगा, या फिर रूद्र अपनी अघोर साधना से अर्जित आध्यात्मिक शक्तियों की सहायता से उसे रोकने में सफल होगा? जानने के लिए पढ़िए यह रोमांचकारी उपन्यास: “ड्रैकुला भारत में” । “एक अघोरी, सब पर भारी”
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ट्रांसिल्वेनिया स्थित एक शानदार महल में रहने वाले ड्रैकुला ने अपनी तंत्र शक्ति से पता लगा लिया था कि उसकी रानी का पुनर्जन्म भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हो चुका है। ‘चित्रा’ के रोप्प में जन्मी यह लड़की पूर्वजन्म में ड्रैकुला की रानी थी, जिसे वह किसी भी हालत में पाना चाहता है। अपनी शक्ति कायम रखने के लिए और उसे बढ़ाने के लिए अब वह मुंबई के लोगों का खून पी रहा है। इस कार्य में उसका साथ उसकी तीन नरपिशाचिनी प्रेमिकाएँ दे रहीं हैं, जो उसे बहुत चाहतीं हैं।
दुर्ग्भाग्यवश, ड्रैकुला का सामना हो जाता है चित्रा के सच्चे प्रेमी रूद्र से, जो भगवान् शिव का भक्त और एक अघोरी है। क्या ड्रैकुला अपनी रानी को प्राप्त कर पायेगा, या फिर रूद्र अपनी अघोर साधना से अर्जित आध्यात्मिक शक्तियों की सहायता से उसे रोकने में सफल होगा? जानने के लिए पढ़िए यह रोमांचकारी उपन्यास: “ड्रैकुला भारत में” । “एक अघोरी, सब पर भारी”
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Garuda Prakashan
₹250.00

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