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Divya Chetna 2

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Product Description
दिव्य चेतना' आध्यात्मिक साझा संकलन के द्वितीय अंक से जुड़े सभी साहित्यकार, संपादक मंडल के सम्मानित सदस्यों को मेरा नमस्करण, हरि स्मरण ! अनुराधा प्रकाशन अनेक वर्षों से राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय साझा संकलन प्रकाशित कर रहा है जिसमें आप सभी का रचनात्मक सहयोग निरंतर प्राप्त हो रहा है।साझा संकलन का मुख्य उद्देश्य जैसा कि आपको विदित है कि नवोदित रचनाकारों को प्रतिष्ठित साहित्यकारों के साथ मंच प्रदान करना तथा राष्ट्रभाषा हिंदी एवं साहित्य का प्रचार-प्रसार करना।अनुराधा प्रकाशन परिवार द्वारा 17 वर्षों तक राष्ट्रीय आध्यात्मिक मासिक पत्रिका 'ॐ श्री खाटू श्याम शरणम्' (व्यावहारिक अध्यात्म विशेष) का सफलतापूर्वक निरंतर प्रकाशन किया गया है। इसी कारण स्वर उठे किहमें अध्यात्म पर भी साझा संकलन प्रकाशित करने का प्रयास करना चाहिए।सहमति बनी और बात भी बन ही गई। पिछले वर्ष 'दिव्य चेतना' का प्रथम भाग प्रकाशित हुआ जिसमें आध्यात्मिक रचनाओं को सम्मलित किया गया जिनमें भजन, गीत, ग़ज़ल एवं लेख आदि प्रमुख रहे। हम देख रहे हैं कि 21वीं सदी में मानव तीव्र गति से रूपया-पैसा, धन-दौलत-शौहरत, जमीन-जायदाद के पीछे भाग रहा है जो आवश्यक भी है सफल जीवन जीने के लिए किन्तु सब कुछ नहीं है। भागते-भागते तनावपूर्ण जीवन जीने लगते हैं और शांति नहीं है, मन बेचैन रहता है, इसकी शिकायत रहने लगती है। हमें मानना होगा कि जिस प्रकार अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है इसी प्रकार अपने मन-मस्तिष्क को स्वस्थ रखने हेतु हमें आध्यात्मिक चिंतन (मेडिटेशन) ध्यान की आवश्यकता होती है।
Product Details
ISBN 13 | 9789388278553 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 150 |
Author | Chief Editor MANMOHAN SHARMA SHARAN |
Editor | 2019 |
GAIN | K9G60B4AXL8 |
Category | Books Health, Family & Personal Development Spiritual |
Weight | 150.00 g |
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Product Description
दिव्य चेतना' आध्यात्मिक साझा संकलन के द्वितीय अंक से जुड़े सभी साहित्यकार, संपादक मंडल के सम्मानित सदस्यों को मेरा नमस्करण, हरि स्मरण ! अनुराधा प्रकाशन अनेक वर्षों से राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय साझा संकलन प्रकाशित कर रहा है जिसमें आप सभी का रचनात्मक सहयोग निरंतर प्राप्त हो रहा है।साझा संकलन का मुख्य उद्देश्य जैसा कि आपको विदित है कि नवोदित रचनाकारों को प्रतिष्ठित साहित्यकारों के साथ मंच प्रदान करना तथा राष्ट्रभाषा हिंदी एवं साहित्य का प्रचार-प्रसार करना।अनुराधा प्रकाशन परिवार द्वारा 17 वर्षों तक राष्ट्रीय आध्यात्मिक मासिक पत्रिका 'ॐ श्री खाटू श्याम शरणम्' (व्यावहारिक अध्यात्म विशेष) का सफलतापूर्वक निरंतर प्रकाशन किया गया है। इसी कारण स्वर उठे किहमें अध्यात्म पर भी साझा संकलन प्रकाशित करने का प्रयास करना चाहिए।सहमति बनी और बात भी बन ही गई। पिछले वर्ष 'दिव्य चेतना' का प्रथम भाग प्रकाशित हुआ जिसमें आध्यात्मिक रचनाओं को सम्मलित किया गया जिनमें भजन, गीत, ग़ज़ल एवं लेख आदि प्रमुख रहे। हम देख रहे हैं कि 21वीं सदी में मानव तीव्र गति से रूपया-पैसा, धन-दौलत-शौहरत, जमीन-जायदाद के पीछे भाग रहा है जो आवश्यक भी है सफल जीवन जीने के लिए किन्तु सब कुछ नहीं है। भागते-भागते तनावपूर्ण जीवन जीने लगते हैं और शांति नहीं है, मन बेचैन रहता है, इसकी शिकायत रहने लगती है। हमें मानना होगा कि जिस प्रकार अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है इसी प्रकार अपने मन-मस्तिष्क को स्वस्थ रखने हेतु हमें आध्यात्मिक चिंतन (मेडिटेशन) ध्यान की आवश्यकता होती है।
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ISBN 13 | 9789388278553 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 150 |
Author | Chief Editor MANMOHAN SHARMA SHARAN |
Editor | 2019 |
GAIN | K9G60B4AXL8 |
Category | Books Health, Family & Personal Development Spiritual |
Weight | 150.00 g |