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-:किताब के बारे में:-
‘बॉम्बे हैंगओवर्स’ आपको मुंबई की धड़कती हुई गलियों, चमचमाते इमारतों, और गहरी परतों में छिपे अनगिनत किस्सों की दुनिया में ले जाती है। यह कहानियों का संग्रह भारत के सबसे जीवंत महानगर की आत्मा को शब्दों में बांधने का एक संवेदनशील प्रयास है—एक ऐसा शहर जो सपनों को संजोता है, संघर्षों को पनाह देता है, और हर पल अपनी विविधता का जश्न मनाता है। यह अनुवाद मुंबई की सांस्कृतिक धड़कन को पूरी ईमानदारी से संजोते हुए, इसे एक व्यापक पाठक वर्ग तक पहुँचाता है। ‘बॉम्बे हैंगओवर्स’ सिर्फ एक कहानी संग्रह नहीं, बल्कि मुंबई की आत्मा में एक गहरा डुबकी का अनुभव है— शहर को उसकी पूरी जटिलता, खूबसूरती और कड़वाहट के साथ महसूस करने का।
पोतकर की शैली में एक अद्भुत नयापन है। दिव्या जोशी का अनुवाद विचारोत्तेजकहै।
—नमिता गोखले
एक सफल कवि का गद्य कितना सेंस्युअस हो सकता है, और कितना आवर्तमय-यह तो कहानियाँ पढ़कर ही पता चलेगा। आसान नहीं होता ऐसे गद्य के आवर्त को पकड़ना, पर बधाई दिव्या को, उन्होंने हिंदी में उसका आवर्त बरता है।
—अनामिका
दिव्या जोशी ने इन कहानियों की आत्मा और उसके स्पंदन को हिन्दी में पुनर्रचित किया है।
—राजाराम भादू
दिव्या जोशी का यह प्रयास विवर्तन है जो कि दो स्तरों पर एक साथ क्रियाशील है ,पहला कृति के मूल सत्व को सुरक्षित रखता है ,दूसरा कृति की मौलिक छवि निर्माण का कार्य करते हुए एक नवीन अर्थ की संभावना को मूर्त करता है।
—ब्रजरतन जोशी
-:अनुवादक परिचय:-
कवि, अनुवादक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दिव्या जोशी ने शिक्षण कार्य की शुरुआत बिट्स पिलानी से की और वर्तमान में राजकीय डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर के अंग्रेज़ी विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने दो काव्य संग्रह ‘डांस ऑफ़ लाइफ’ (2020) और ‘मत्र्योश्का‘ (2021) लिखे हैं, ‘डांस ऑफ़ लाइफ’ को पोएट्री एक्सीलेंस अवार्ड 2022 के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। वे इंटरोगेटिंग टेररिज्म: रोल ऑफ़ मीडिया एंड लिटरेचर (2017), इंडियन राइटिंग इन इंग्लिश: एन एंथोलॉजी ऑफ़ पोएट्री (2015), टेक्स्ट्स इन ट्रांसलेशन (2014), और वेवलेंग्थ्स ऑफ़ अकॉर्ड (2013) की संपादक भी हैं। डॉ. जोशी ने 50 से भी अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में आमंत्रित व्याख्यान दिए हैं और साहित्य सम्मेलनों में अपनी कविताएँ पढ़ी हैं। उनकी कहानियाँ और कविताएँ प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और संकलनों में प्रकाशित हो चुकी हैं। उसने यूजीसी द्वारा वित्तपोषित दो शोध परियोजनाएँ पूरी की हैं और वर्तमान में वह मौखिकता और मौखिक परंपराओं पर एक परियोजना पर कार्य कर रही हैं। उन्होंने राजस्थान के संबद्ध महाविद्यालयों में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन प्रक्रिया पर दो हैंडबुक्स भी प्रकाशित की हैं।उनके नाम 80 से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन दर्ज है। उन्होंने राजस्थानी से हिंदी और अंग्रेज़ी, दोनों भाषाओं में अनुवाद किया है। वे लोपामुद्रा फाउंडेशन की संस्थापक निदेशिका भी हैं।
ISBN 13 | 9798885752657 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Publishing Year | 2025 |
Total Pages | 260 |
Translated by | Dr. Divya Joshi |
GAIN | ZBPGC6X0GZ9 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Literature & Fiction Contemporary Fiction |
Weight | 250.00 g |
Dimension | 14.00 x 22.00 x 1.60 |
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-:किताब के बारे में:-
‘बॉम्बे हैंगओवर्स’ आपको मुंबई की धड़कती हुई गलियों, चमचमाते इमारतों, और गहरी परतों में छिपे अनगिनत किस्सों की दुनिया में ले जाती है। यह कहानियों का संग्रह भारत के सबसे जीवंत महानगर की आत्मा को शब्दों में बांधने का एक संवेदनशील प्रयास है—एक ऐसा शहर जो सपनों को संजोता है, संघर्षों को पनाह देता है, और हर पल अपनी विविधता का जश्न मनाता है। यह अनुवाद मुंबई की सांस्कृतिक धड़कन को पूरी ईमानदारी से संजोते हुए, इसे एक व्यापक पाठक वर्ग तक पहुँचाता है। ‘बॉम्बे हैंगओवर्स’ सिर्फ एक कहानी संग्रह नहीं, बल्कि मुंबई की आत्मा में एक गहरा डुबकी का अनुभव है— शहर को उसकी पूरी जटिलता, खूबसूरती और कड़वाहट के साथ महसूस करने का।
पोतकर की शैली में एक अद्भुत नयापन है। दिव्या जोशी का अनुवाद विचारोत्तेजकहै।
—नमिता गोखले
एक सफल कवि का गद्य कितना सेंस्युअस हो सकता है, और कितना आवर्तमय-यह तो कहानियाँ पढ़कर ही पता चलेगा। आसान नहीं होता ऐसे गद्य के आवर्त को पकड़ना, पर बधाई दिव्या को, उन्होंने हिंदी में उसका आवर्त बरता है।
—अनामिका
दिव्या जोशी ने इन कहानियों की आत्मा और उसके स्पंदन को हिन्दी में पुनर्रचित किया है।
—राजाराम भादू
दिव्या जोशी का यह प्रयास विवर्तन है जो कि दो स्तरों पर एक साथ क्रियाशील है ,पहला कृति के मूल सत्व को सुरक्षित रखता है ,दूसरा कृति की मौलिक छवि निर्माण का कार्य करते हुए एक नवीन अर्थ की संभावना को मूर्त करता है।
—ब्रजरतन जोशी
-:अनुवादक परिचय:-
कवि, अनुवादक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दिव्या जोशी ने शिक्षण कार्य की शुरुआत बिट्स पिलानी से की और वर्तमान में राजकीय डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर के अंग्रेज़ी विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने दो काव्य संग्रह ‘डांस ऑफ़ लाइफ’ (2020) और ‘मत्र्योश्का‘ (2021) लिखे हैं, ‘डांस ऑफ़ लाइफ’ को पोएट्री एक्सीलेंस अवार्ड 2022 के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। वे इंटरोगेटिंग टेररिज्म: रोल ऑफ़ मीडिया एंड लिटरेचर (2017), इंडियन राइटिंग इन इंग्लिश: एन एंथोलॉजी ऑफ़ पोएट्री (2015), टेक्स्ट्स इन ट्रांसलेशन (2014), और वेवलेंग्थ्स ऑफ़ अकॉर्ड (2013) की संपादक भी हैं। डॉ. जोशी ने 50 से भी अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में आमंत्रित व्याख्यान दिए हैं और साहित्य सम्मेलनों में अपनी कविताएँ पढ़ी हैं। उनकी कहानियाँ और कविताएँ प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और संकलनों में प्रकाशित हो चुकी हैं। उसने यूजीसी द्वारा वित्तपोषित दो शोध परियोजनाएँ पूरी की हैं और वर्तमान में वह मौखिकता और मौखिक परंपराओं पर एक परियोजना पर कार्य कर रही हैं। उन्होंने राजस्थान के संबद्ध महाविद्यालयों में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन प्रक्रिया पर दो हैंडबुक्स भी प्रकाशित की हैं।उनके नाम 80 से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन दर्ज है। उन्होंने राजस्थानी से हिंदी और अंग्रेज़ी, दोनों भाषाओं में अनुवाद किया है। वे लोपामुद्रा फाउंडेशन की संस्थापक निदेशिका भी हैं।
ISBN 13 | 9798885752657 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Publishing Year | 2025 |
Total Pages | 260 |
Translated by | Dr. Divya Joshi |
GAIN | ZBPGC6X0GZ9 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Literature & Fiction Contemporary Fiction |
Weight | 250.00 g |
Dimension | 14.00 x 22.00 x 1.60 |
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Garuda Prakashan
₹449.00
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