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ASHADEEP
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90 कविताओं का यह संग्रह अनेकानेक कथ्य समेटे हुए-विविधता का एक लयबद्ध रूप है। प्रकृति के अनेक रूप हैं तो कन्हैया, कान्हा, राम, उर्मिला का भावमय चित्रण भी। कवयित्री ने कान्हा को सन्देश के घेरे में घेर लिया और पूछ ही लिया 'आजीवन बाल सखी का विलग जीया, राधा मन की यह अनवरत प्रतीक्षा- अक्षम्य सी हो रही है। सरल प्रवाहमीय शैली सावन का रोचक वर्णन करती है तो शहीद का भी मार्मिक वर्णन है। वे कविताओं का ताना बाना बुनतेहुए छन्द के प्रति भी सजग हैं- घनाक्षरी छन्द में पिरोये - जीवन के चार दिन... आदि कविताओं में छन्द का सफल निवर्हन है जीवन का सार, देश के संस्कार... कन्हैया को पुकारती आतुरता पूर्ण कविताएं... 'बचपन', 'गुरू', सावन आदि में विधिता है तो उर्मिला के चित्रण में भावुकता भी दृष्टिगत होती है। आशा के स्वर, प्रकृति के मनोहर चित्र... प्रभावशाली है। 'आज़ादी' की परिभाषा में स्पष्टीकरण 'न नैतिकता का हनन न मूल्यों का अवमूल्यन की ओर संकेत किया गया। विषय वैविध्य, सरलता और सकारात्मकता से पूर्ण है। कवयित्री ने पग पग पर 'आशा के दीये' जलाये हैं और घोषणा भी कर दी 'जलाओ दीये पर रहे ध्यान इतना, अंधेरा किसी भी घर में न रह जाये।
Product Details
ISBN 13 9789388278140
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 152
Author DR SARLA SINGH
Editor 2019
GAIN WRXJFKY15KT
Category Books   Fiction   Poetry  
Weight 200.00 g

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90 कविताओं का यह संग्रह अनेकानेक कथ्य समेटे हुए-विविधता का एक लयबद्ध रूप है। प्रकृति के अनेक रूप हैं तो कन्हैया, कान्हा, राम, उर्मिला का भावमय चित्रण भी। कवयित्री ने कान्हा को सन्देश के घेरे में घेर लिया और पूछ ही लिया 'आजीवन बाल सखी का विलग जीया, राधा मन की यह अनवरत प्रतीक्षा- अक्षम्य सी हो रही है। सरल प्रवाहमीय शैली सावन का रोचक वर्णन करती है तो शहीद का भी मार्मिक वर्णन है। वे कविताओं का ताना बाना बुनतेहुए छन्द के प्रति भी सजग हैं- घनाक्षरी छन्द में पिरोये - जीवन के चार दिन... आदि कविताओं में छन्द का सफल निवर्हन है जीवन का सार, देश के संस्कार... कन्हैया को पुकारती आतुरता पूर्ण कविताएं... 'बचपन', 'गुरू', सावन आदि में विधिता है तो उर्मिला के चित्रण में भावुकता भी दृष्टिगत होती है। आशा के स्वर, प्रकृति के मनोहर चित्र... प्रभावशाली है। 'आज़ादी' की परिभाषा में स्पष्टीकरण 'न नैतिकता का हनन न मूल्यों का अवमूल्यन की ओर संकेत किया गया। विषय वैविध्य, सरलता और सकारात्मकता से पूर्ण है। कवयित्री ने पग पग पर 'आशा के दीये' जलाये हैं और घोषणा भी कर दी 'जलाओ दीये पर रहे ध्यान इतना, अंधेरा किसी भी घर में न रह जाये।
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ISBN 13 9789388278140
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Total Pages 152
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