Menu
Category All Category
Aparichit Raahe
Aparichit Raahe
Product Description
सबसे पहले मैं अपने दोस्तों का धन्यवाद करना चाहता हूँ जो मुझे  हर बार कुछ करने के लिए प्रोत्साहन करते हैं। शायद इनके सहयोग के बिना इन कविताओं का प्रकाशन मेरे लिए संभव नहीं हो पाता। इस पुस्तक को लिखवाने का श्रेय भी मेरे साथियों को ही जाता है, जिन्होंने मुझे ऐसा माहौल दिया।इन कविताओं के अन्दर आपको एक बचकाना उम्र संबंधित कविताएँ मिलेंगी जिन अंजान राहों में जाने से ना ही कोई रोकता है और ना ही कोई दिशा दिखाता है। और ऐसा होना भी मुसासिफ है, इस उम्र में जो होता है उसका अनुभव हमारी सहन शक्ति को भी दृढ़ बनाता है जो ज्यादातर दुख देता है पर मीठा... किसी शायर ने कहा है-शुक्र करो हम दुख सहते हैं, लिखते नहीं वरना कागजों पर लफ्जों के जनाजे उठते...और एक छोटी सी बात जरूर कहना चाहूँगा... मैंने किसी को कहते हुए सुना था... जो करना है खुशी से करो, खुश होने के लिए कुछ मत करो...और बस, मैंने लोगों के लफ्जों के जनाजे को थोड़ा कन्धा साँझा कर दिया।
Product Details
ISBN 13 9789385083969
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 64
Author Himanshu Adhikari
Editor 2017
GAIN A3NRTQRHP9T
Category Books   Fiction   Poetry  
Weight 100.00 g

Add a Review

0.0
0 Reviews
Product Description
सबसे पहले मैं अपने दोस्तों का धन्यवाद करना चाहता हूँ जो मुझे  हर बार कुछ करने के लिए प्रोत्साहन करते हैं। शायद इनके सहयोग के बिना इन कविताओं का प्रकाशन मेरे लिए संभव नहीं हो पाता। इस पुस्तक को लिखवाने का श्रेय भी मेरे साथियों को ही जाता है, जिन्होंने मुझे ऐसा माहौल दिया।इन कविताओं के अन्दर आपको एक बचकाना उम्र संबंधित कविताएँ मिलेंगी जिन अंजान राहों में जाने से ना ही कोई रोकता है और ना ही कोई दिशा दिखाता है। और ऐसा होना भी मुसासिफ है, इस उम्र में जो होता है उसका अनुभव हमारी सहन शक्ति को भी दृढ़ बनाता है जो ज्यादातर दुख देता है पर मीठा... किसी शायर ने कहा है-शुक्र करो हम दुख सहते हैं, लिखते नहीं वरना कागजों पर लफ्जों के जनाजे उठते...और एक छोटी सी बात जरूर कहना चाहूँगा... मैंने किसी को कहते हुए सुना था... जो करना है खुशी से करो, खुश होने के लिए कुछ मत करो...और बस, मैंने लोगों के लफ्जों के जनाजे को थोड़ा कन्धा साँझा कर दिया।
Product Details
ISBN 13 9789385083969
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 64
Author Himanshu Adhikari
Editor 2017
GAIN A3NRTQRHP9T
Category Books   Fiction   Poetry  
Weight 100.00 g

Add a Review

0.0
0 Reviews
Frequently Bought Together
Choose items to buy together
Aparichit Raahe
₹155.00₹140.00
₹155.00₹140.00
Frequently Bought Together
Choose items to buy together