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Antarman
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जिस कवयित्री के जीवन का मूलमंत्र 'सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः' हो और जिसके लेखन का आधार 'उदास आँखों में भी हमने देखे हैं, कई समंदर जो बहा नहीं करते' हो, तो सहज ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि उस कवयित्री का लेखन कितने ही सुकोमल अंतर्भावों से युक्त और हमारे-आपके जीवन के अंतर्मन की उद्भूत कामनाओं के समक्ष एक दर्पण सरीखा होगा. जीवन के सूक्ष्म किंतु विशद् पहलुओं पर क़लम चलाने वाली इस लेखिका ने अपनी रचनाओं में जाने कितने ही मार्मिक पक्षों को प्रभावी रूप से छुआ और प्रस्तुत किया है.इसे एक सुखद आश्चर्य ही माना जा सकता है कि पिछले 7-8 माह के दौरान 'अंतर्मन' उनकी अनुभूतियों का सामने आया तीसरा संकलन है. इतने कम समय में ही 3 उद्देश्यपरक संकलनों का प्रकाशित होना लेखन के प्रति उनके गहन समर्पण और प्रतिबद्धता को दर्शाता है. प्रस्तुत संकलन की एक अन्य विशेषता यह है कि उनके द्वारा लिखी गई 12 कहानियों को भी इसमें समाविष्ट किया गया है. संयोगवश उनके दोनों पूर्व काव्य-संकलनों 'पारिजात मन' तथा 'आत्मन्' की भूमिका लिखने का अवसर भी मुझे मिला था, अतः मैं निश्चित रूप से यह कहने की स्थिति में हूं कि प्रस्तुत संकलन इस कड़ीेसर्वाधिक सशक्त और अधिक परिपक्व रचनाओं से युक्त है.जीवन के तानों-बानों के इर्द-गिर्द सुकोमल भावनाओं के मर्म से गुंफित इस संकलन की कविताएं हमें जैसे अपने ही साथ घटित हो रही घटनाओं का आभास देती हैं और हम सहज ही इनसे खुद को जोड़ते चले जाते हैं. साफगोई इनकी कलम की सबसे बड़ी ताक़त है :मेरी क़लम हरदम करती है सिर्फ़ अपने ही मन की जिद्दी और दुष्टा नहीं करती कभी भी शब्दों से हेरफेर'
Product Details
ISBN 13 9789385083860
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 208
Author ARCHANA BHARDWAJ
Editor 2017
GAIN 5DB4LZEHQSK
Category Books   Fiction   Short stories  
Weight 150.00 g

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जिस कवयित्री के जीवन का मूलमंत्र 'सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः' हो और जिसके लेखन का आधार 'उदास आँखों में भी हमने देखे हैं, कई समंदर जो बहा नहीं करते' हो, तो सहज ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि उस कवयित्री का लेखन कितने ही सुकोमल अंतर्भावों से युक्त और हमारे-आपके जीवन के अंतर्मन की उद्भूत कामनाओं के समक्ष एक दर्पण सरीखा होगा. जीवन के सूक्ष्म किंतु विशद् पहलुओं पर क़लम चलाने वाली इस लेखिका ने अपनी रचनाओं में जाने कितने ही मार्मिक पक्षों को प्रभावी रूप से छुआ और प्रस्तुत किया है.इसे एक सुखद आश्चर्य ही माना जा सकता है कि पिछले 7-8 माह के दौरान 'अंतर्मन' उनकी अनुभूतियों का सामने आया तीसरा संकलन है. इतने कम समय में ही 3 उद्देश्यपरक संकलनों का प्रकाशित होना लेखन के प्रति उनके गहन समर्पण और प्रतिबद्धता को दर्शाता है. प्रस्तुत संकलन की एक अन्य विशेषता यह है कि उनके द्वारा लिखी गई 12 कहानियों को भी इसमें समाविष्ट किया गया है. संयोगवश उनके दोनों पूर्व काव्य-संकलनों 'पारिजात मन' तथा 'आत्मन्' की भूमिका लिखने का अवसर भी मुझे मिला था, अतः मैं निश्चित रूप से यह कहने की स्थिति में हूं कि प्रस्तुत संकलन इस कड़ीेसर्वाधिक सशक्त और अधिक परिपक्व रचनाओं से युक्त है.जीवन के तानों-बानों के इर्द-गिर्द सुकोमल भावनाओं के मर्म से गुंफित इस संकलन की कविताएं हमें जैसे अपने ही साथ घटित हो रही घटनाओं का आभास देती हैं और हम सहज ही इनसे खुद को जोड़ते चले जाते हैं. साफगोई इनकी कलम की सबसे बड़ी ताक़त है :मेरी क़लम हरदम करती है सिर्फ़ अपने ही मन की जिद्दी और दुष्टा नहीं करती कभी भी शब्दों से हेरफेर'
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ISBN 13 9789385083860
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 208
Author ARCHANA BHARDWAJ
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Category Books   Fiction   Short stories  
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