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Aam Aadmi Ki Awaz
Aam Aadmi Ki Awaz
Product Description
सर्वप्रथम मैं अपने स्व. माँ, बाबूजी एवं गुरुजनों को नमन करता हूँ जिनकी अनंत से आती प्रेरणा और आशीर्वाद आज भी मेरे लिए सकारात्मक सोच का असीम स्रोत है। मैं अपनी जीवन-संगिनी के साथ अपने सभी प्यारे बच्चों को तहेदिल से धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिन्होंने शुभ और चुनौतीपूर्ण दोनों स्थितियों में मेरा तहेदिल से साथ दिया। अपने उन सभी अभिन्न मित्रों एवं सहयोगियों का मैं कृतज्ञ हूँ, जिन्होंने सदैव कुछ लिखने के लिए मुझे प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया। ‘आम आदमी’ के प्रति कलम उठाने की सलाह देने के लिए प्रिय जमाता श्री धर्मेन्द्र कुमार जी को मैं दिल की गहराइयों से कोटि-कोटि धन्यवाद देता हूँ। गाँव और शहर के मिश्रित परिवेश में आम आदमी के सानिध्य में रहकर मैंने उनकी दशा और दिशा को बहुत ही समीप से देखा, परखा और पाया कि अंतहीन पीड़ा के बीच जिल्लत की जिंदगी जीने वाला आम आदमी स्पष्ट सम्यक चिंतन एवं साहित्य-सृजन का अद्भुत स्रोत है। इसी परिपेक्ष्य में मेरे गंभीर चितन- मंथन के पश्चात भावनाओं से भरा एक अमृत कलश निकला ‘आम आदमी की आवाज’ ।
Product Details
ISBN 13 9789386498205
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 112
Author Dr SUDHIR SINGH
Editor 2017
GAIN LEGPCCOWS9A
Category Books   Fiction   Poetry  
Weight 200.00 g

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सर्वप्रथम मैं अपने स्व. माँ, बाबूजी एवं गुरुजनों को नमन करता हूँ जिनकी अनंत से आती प्रेरणा और आशीर्वाद आज भी मेरे लिए सकारात्मक सोच का असीम स्रोत है। मैं अपनी जीवन-संगिनी के साथ अपने सभी प्यारे बच्चों को तहेदिल से धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिन्होंने शुभ और चुनौतीपूर्ण दोनों स्थितियों में मेरा तहेदिल से साथ दिया। अपने उन सभी अभिन्न मित्रों एवं सहयोगियों का मैं कृतज्ञ हूँ, जिन्होंने सदैव कुछ लिखने के लिए मुझे प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया। ‘आम आदमी’ के प्रति कलम उठाने की सलाह देने के लिए प्रिय जमाता श्री धर्मेन्द्र कुमार जी को मैं दिल की गहराइयों से कोटि-कोटि धन्यवाद देता हूँ। गाँव और शहर के मिश्रित परिवेश में आम आदमी के सानिध्य में रहकर मैंने उनकी दशा और दिशा को बहुत ही समीप से देखा, परखा और पाया कि अंतहीन पीड़ा के बीच जिल्लत की जिंदगी जीने वाला आम आदमी स्पष्ट सम्यक चिंतन एवं साहित्य-सृजन का अद्भुत स्रोत है। इसी परिपेक्ष्य में मेरे गंभीर चितन- मंथन के पश्चात भावनाओं से भरा एक अमृत कलश निकला ‘आम आदमी की आवाज’ ।
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ISBN 13 9789386498205
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