My Cart

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने श्रीलंका में ढाई दशक लम्बे गृहयुद्ध से हज़ारों लोगों की जान बचाने के अथक प्रयास किये हैं। इस किताब के लेखक स्वामी विरूपाक्ष ने 26 साल तक चले गृहयुद्ध के पीछे की अनसुनी कहानियों, रहस्यों, षड्यंत्रों, जासूसी और युद्ध से गुज़र रहे एक राष्ट्र एवं उसके पड़ोसी देश भारत के दक्षिण प्रांत की ह्रदयवेदना को उजागर किया है।
ISBN 13 | 9798885750295 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Publishing Year | 2022 |
Total Pages | 238 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Books Indian Classics Bhartiye Pustakein Mahaa Discount up to 80% OFF |
Weight | 300.00 g |
Dimension | 22.00 x 14.00 x 2.00 |
Add a Review
गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने श्रीलंका में ढाई दशक लम्बे गृहयुद्ध से हज़ारों लोगों की जान बचाने के अथक प्रयास किये हैं। इस किताब के लेखक स्वामी विरूपाक्ष ने 26 साल तक चले गृहयुद्ध के पीछे की अनसुनी कहानियों, रहस्यों, षड्यंत्रों, जासूसी और युद्ध से गुज़र रहे एक राष्ट्र एवं उसके पड़ोसी देश भारत के दक्षिण प्रांत की ह्रदयवेदना को उजागर किया है।
ISBN 13 | 9798885750295 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Publishing Year | 2022 |
Total Pages | 238 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Books Indian Classics Bhartiye Pustakein Mahaa Discount up to 80% OFF |
Weight | 300.00 g |
Dimension | 22.00 x 14.00 x 2.00 |
Add a Review

Garuda Prakashan
₹120.00

Garuda Prakashan
₹120.00