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Indradhanush
by   Anand Mehera (Author)  
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Indradhanush
Product Description
‘इंद्रधनुष’ क्यों ? स्कूल जीवन किसी का भी, ज़िन्दगी का कभी न भूलने वाला समय होता है। और जैसे-जैसे हम जीवन सफर में आगे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे वो दिन और याद आते हैं क्योंकि वह दिन बेबाक और ज़िन्दगी से परिपूर्ण होते थे जहाँ स्वार्थ, चिंता, प्यार और स्नेह बहुत था। विवाद या झगड़ंे घंटांे में सुलझ जाते थे। दोस्ती स्वार्थ से परे होती थी और रिश्ते सोच समझकर नहीं बनते थे। किताब का नाम ‘इंद्रधनुष’ इसलिए रखा क्योंकि नवोदय में बिताये सात साल, कहीं न कहीं इंद्रधनुष के रंगों से मेल खाते हैं। हँसी, ठिठोली, प्यार, तकरार, रूठना, मनाना, पढ़ाई की चिंता आदि सारे भावों से भरे ये रंग इंद्रधनुष के रंगों से ही तो मेल खाते थे। इंद्रधनुष के सात रंग-लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, जामुनी और बैंगनी होते हैं। लाल रंग को मैं हमारे नवोदय के छठी कक्षा में प्रवेश के साथ जोड़ता हूँ क्योंकि लाल रंग शौर्य, उत्साह और वीरता का रंग होता है। हम भी उस नन्हीं सी उम्र में अपने शौर्य, उत्साह के बल पर ही एक नई जगह में सपने पूरे करने चल दिए थे.... कुछ इसी तरह के रोचक प्रेरणादायक प्रसंगों का दस्तावेज है यह पुस्तक जिसमे लेखक ने नवोदय विद्यालय के सात सालों की खट्टी मीठीं यादें पिरोई हैं
Product Details
ISBN 13 9789387289505
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 72
Edition 2018
Author Anand Mehera
Category Books   Biographies, Diaries & True Accounts   Autobiography  
Weight 50.00 g

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‘इंद्रधनुष’ क्यों ? स्कूल जीवन किसी का भी, ज़िन्दगी का कभी न भूलने वाला समय होता है। और जैसे-जैसे हम जीवन सफर में आगे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे वो दिन और याद आते हैं क्योंकि वह दिन बेबाक और ज़िन्दगी से परिपूर्ण होते थे जहाँ स्वार्थ, चिंता, प्यार और स्नेह बहुत था। विवाद या झगड़ंे घंटांे में सुलझ जाते थे। दोस्ती स्वार्थ से परे होती थी और रिश्ते सोच समझकर नहीं बनते थे। किताब का नाम ‘इंद्रधनुष’ इसलिए रखा क्योंकि नवोदय में बिताये सात साल, कहीं न कहीं इंद्रधनुष के रंगों से मेल खाते हैं। हँसी, ठिठोली, प्यार, तकरार, रूठना, मनाना, पढ़ाई की चिंता आदि सारे भावों से भरे ये रंग इंद्रधनुष के रंगों से ही तो मेल खाते थे। इंद्रधनुष के सात रंग-लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, जामुनी और बैंगनी होते हैं। लाल रंग को मैं हमारे नवोदय के छठी कक्षा में प्रवेश के साथ जोड़ता हूँ क्योंकि लाल रंग शौर्य, उत्साह और वीरता का रंग होता है। हम भी उस नन्हीं सी उम्र में अपने शौर्य, उत्साह के बल पर ही एक नई जगह में सपने पूरे करने चल दिए थे.... कुछ इसी तरह के रोचक प्रेरणादायक प्रसंगों का दस्तावेज है यह पुस्तक जिसमे लेखक ने नवोदय विद्यालय के सात सालों की खट्टी मीठीं यादें पिरोई हैं
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ISBN 13 9789387289505
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 72
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Author Anand Mehera
Category Books   Biographies, Diaries & True Accounts   Autobiography  
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