राजीव रंजन प्रसाद ने स्नात्कोत्तर (भूविज्ञान), एम.टेक (सुदूर संवेदन), पर्यावरण प्रबन्धन एवं सतत विकास में स्नात्कोत्तर डिप्लोमा की डिग्रियाँ हासिल की हैं। वर्तमान में वे एनएचपीसी के निगम मुख्यालय, फरीदाबाद उप-महाप्रबन्धक (पर्यवरण) के पद पर कार्य कर रहे हैं। राजीव, 1982 से लेखनरत हैं। इन्होंने लघु-पत्रिका "प्रतिध्वनि" का 1991 तक सम्पादन किया, तथा वर्तमान में “सीमा संघोष” पत्रिका का उप-सम्पादन कर रहे है। राजीव की अनेक पुस्तकें प्रकाशित हैं तथा वे अनेक अखबारों में कॉलम लिखने के साथ साथ संचार माध्यमों में भी अपनी बात रखते हैं। पुस्तक “मौन मगध में” के लिये राजीव को महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा कृति इन्दिरागाँधी राजभाषा पुरस्कार (वर्ष 2014) तथा कृति “बस्तरनामा” के लिये पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार का प्रतिष्ठित राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार (वर्ष 2019) प्राप्त हुआ है। अन्य पुरस्कारों/सम्मानों में संगवारी सम्मान (2013), प्रवक्ता सम्मान (2014), साहित्य सेवी सम्मान (2015), द्वितीय मिनीमाता सम्मान (201, लाला जगदलपुरी राष्ट्रीय सम्मान (2021) तथा विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय सम्मान (2022) आदि प्रमुख हैं।