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Naxalwaad
by   Brijesh Singh (Author),   Sushila Singh (Author)  
by   Brijesh Singh (Author),   Sushila Singh (Author)   (show less)
Naxalwaad
Product Description

मुखपृष्ठ के मानचित्र से स्पष्ट है कि चीन प्रायोजित नक्सलवाद मृत्युशैय्या पर है किंतु नक्सलवादी विचारधारा अभी जीवित है। उसी प्रकार जैसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद खत्म हो रहा है] लेकिन आतंकवादी विचारधारा अभी है। भारत को इनसे कैसे निजात पानी है यह भारत सरकार के समझ गम्भीर विषय है। आतंकवाद और माओवाद में अंतर यह है कि आतंकवाद ग्लोबल है धर्म आधरित है जब कि माओवाद भारतीय स्थानीय आदिवासी पीड़ित वंचित वर्ग पर आधारित है यह फर्क भारत सरकार के संज्ञान में होना चाहिए। सामाजिक समरसता के लिए पीड़ित वंचित वर्ग के मस्तिष्क से माओवादी विचारधारा हटाना जरूरी है। इसके लिए पीड़ित वंचित युवा वर्ग की जीवन शैली में बदलाव के साथ उन्हें आध्यात्मिक शिक्षा और शैली की भी आवश्यकता है। सोषल मिडिया के माध्यम से ऐसा ही हो रहा है सामाजिक संरचना से ऊँच-नीच छोटा-बड़ा गरीब-अमीर का भेदभाव खत्म हो रहा है। इसी कारण नक्सलवाद का स्रोत सूख रहा है।

Product Details
ISBN 13 9798885751780
Book Language Hindi
Binding Paperback
Publishing Year 2024
Total Pages 328
Edition First
Publishers Garuda Prakashan  
Category Famous Personalities   Biographies  
Weight 345.00 g
Dimension 15.50 x 23.00 x 2.50

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मुखपृष्ठ के मानचित्र से स्पष्ट है कि चीन प्रायोजित नक्सलवाद मृत्युशैय्या पर है किंतु नक्सलवादी विचारधारा अभी जीवित है। उसी प्रकार जैसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद खत्म हो रहा है] लेकिन आतंकवादी विचारधारा अभी है। भारत को इनसे कैसे निजात पानी है यह भारत सरकार के समझ गम्भीर विषय है। आतंकवाद और माओवाद में अंतर यह है कि आतंकवाद ग्लोबल है धर्म आधरित है जब कि माओवाद भारतीय स्थानीय आदिवासी पीड़ित वंचित वर्ग पर आधारित है यह फर्क भारत सरकार के संज्ञान में होना चाहिए। सामाजिक समरसता के लिए पीड़ित वंचित वर्ग के मस्तिष्क से माओवादी विचारधारा हटाना जरूरी है। इसके लिए पीड़ित वंचित युवा वर्ग की जीवन शैली में बदलाव के साथ उन्हें आध्यात्मिक शिक्षा और शैली की भी आवश्यकता है। सोषल मिडिया के माध्यम से ऐसा ही हो रहा है सामाजिक संरचना से ऊँच-नीच छोटा-बड़ा गरीब-अमीर का भेदभाव खत्म हो रहा है। इसी कारण नक्सलवाद का स्रोत सूख रहा है।

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ISBN 13 9798885751780
Book Language Hindi
Binding Paperback
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