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Justice: What's the Right Thing to Do ? ( Nyaay: kya karana sahee hai? ) Hindi Edition क्या झूठ बोलना हमेशा गलत होता है? क्या व्यक्तिगत स्वतंत्रता की कोई सीमा होनी चाहिए? क्या हत्या को उचित ठहराया जा सकता है? क्या मुक्त बाज़ार सच में मुक्त और निष्पक्ष होते हैं? कौन से कार्य सही हैं और कौन से गलत ? दर्शनशास्त्र का यह उत्कृष्ट परिचय विभिन्न उम्र के और अलग- अलग राजनीतिक विचारों के प्रति आग्रह रखने वाले पाठकों को नैतिक चिंतन की एक ऐसी यात्रा पर आमंत्रित करता है जो हमारे जीवन में रोशनी भर सकती है। 'सैंडल ने बोस्टन से लेकर बीजिंग तक के लोगों के दिल की गहराई में स्थित किसी चीज़ को छूने का प्रयास किया है' थॉमस फ्रीडमैन, न्यूयॉर्क टाइम्स 'माइकल सैंडल आधुनिक संसार के सबसे ज़्यादा प्रासंगिक जीवित दार्शनिक हैं' - न्यूजवीक
ISBN 13 | 9788119812011 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 360 |
Edition | 2024 |
GAIN | 4SF8PBXDS5N |
Category | Culture, society and language Social Impact |
Weight | 315.00 g |
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Justice: What's the Right Thing to Do ? ( Nyaay: kya karana sahee hai? ) Hindi Edition क्या झूठ बोलना हमेशा गलत होता है? क्या व्यक्तिगत स्वतंत्रता की कोई सीमा होनी चाहिए? क्या हत्या को उचित ठहराया जा सकता है? क्या मुक्त बाज़ार सच में मुक्त और निष्पक्ष होते हैं? कौन से कार्य सही हैं और कौन से गलत ? दर्शनशास्त्र का यह उत्कृष्ट परिचय विभिन्न उम्र के और अलग- अलग राजनीतिक विचारों के प्रति आग्रह रखने वाले पाठकों को नैतिक चिंतन की एक ऐसी यात्रा पर आमंत्रित करता है जो हमारे जीवन में रोशनी भर सकती है। 'सैंडल ने बोस्टन से लेकर बीजिंग तक के लोगों के दिल की गहराई में स्थित किसी चीज़ को छूने का प्रयास किया है' थॉमस फ्रीडमैन, न्यूयॉर्क टाइम्स 'माइकल सैंडल आधुनिक संसार के सबसे ज़्यादा प्रासंगिक जीवित दार्शनिक हैं' - न्यूजवीक
ISBN 13 | 9788119812011 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
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