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Ishwar ka vaigyanik eyvm shastrie vivcecn
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Product Description
प्रस्तुत पुस्तक "ईश्वर का वैज्ञानिक एवं शास्त्रीय विवेचन" आधुनिक विज्ञान के छात्रों तथा परम्परागत संस्कृत के छात्रों एवं विद्वानों के लिए बहुत ही उपयोगी ग्रन्थ है। प्राचीन काल से ही ईश्वर विषयक चिन्तन विश्व में प्रचलित रहा है। कुछ चिन्तकों के मत में ईश्वर की सत्ता को ही विश्व की सत्ता माना गया है तो कुछ अन्य ने ईश्वर की सत्ता को अस्वीकार किया है। सभी आस्तिक दर्शन और जैन, बौद्ध दर्शनों में ईश्वर को जगत् का मूल कारण माना गया है, जब कि चार्वाक आदि दर्शन में ईश्वर के प्रति संदेह व्यक्त किया गया है।प्रस्तुत ग्रन्थ के लेखक श्री गोविन्द मुरारी अग्रवाल जी मूलरूप से भौतिक वैज्ञानिक हैं, लेकिन संस्कृत ग्रंथों में अपनी गहरी रूचि के कारण उन्होंने 'सदस्य वाणिज्य कर अधिकरण' के पद से सेवानिवृत्ति के कई वर्षों के बाद, विशेष योग्यता के साथ संस्कृत विषय में न केवल स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की, अपितु वेद, उपनिषद आदि का विज्ञान से समन्वय करते हुए अन्य ग्रंथों का भी लेखन किया है। श्री अग्रवाल को लगभग 36 वर्षों का उत्तर प्रदेश-शासन के विभिन्न उच्च व उत्तरदायित्वपूर्ण प्रशासनिक तथा न्यायिक पदों पर कार्य करने का लम्बा अनुभव है।
Product Details
| ISBN 13 | 9789390271252 |
| Book Language | Hindi |
| Binding | Paperback |
| Total Pages | 102 |
| Author | Mr G M AGARWAL |
| Editor | 2020 |
| GAIN | HOFOBVENOKD |
| Category | Indian Classics Bhartiye Pustakein |
| Weight | 100.00 g |
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प्रस्तुत पुस्तक "ईश्वर का वैज्ञानिक एवं शास्त्रीय विवेचन" आधुनिक विज्ञान के छात्रों तथा परम्परागत संस्कृत के छात्रों एवं विद्वानों के लिए बहुत ही उपयोगी ग्रन्थ है। प्राचीन काल से ही ईश्वर विषयक चिन्तन विश्व में प्रचलित रहा है। कुछ चिन्तकों के मत में ईश्वर की सत्ता को ही विश्व की सत्ता माना गया है तो कुछ अन्य ने ईश्वर की सत्ता को अस्वीकार किया है। सभी आस्तिक दर्शन और जैन, बौद्ध दर्शनों में ईश्वर को जगत् का मूल कारण माना गया है, जब कि चार्वाक आदि दर्शन में ईश्वर के प्रति संदेह व्यक्त किया गया है।प्रस्तुत ग्रन्थ के लेखक श्री गोविन्द मुरारी अग्रवाल जी मूलरूप से भौतिक वैज्ञानिक हैं, लेकिन संस्कृत ग्रंथों में अपनी गहरी रूचि के कारण उन्होंने 'सदस्य वाणिज्य कर अधिकरण' के पद से सेवानिवृत्ति के कई वर्षों के बाद, विशेष योग्यता के साथ संस्कृत विषय में न केवल स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की, अपितु वेद, उपनिषद आदि का विज्ञान से समन्वय करते हुए अन्य ग्रंथों का भी लेखन किया है। श्री अग्रवाल को लगभग 36 वर्षों का उत्तर प्रदेश-शासन के विभिन्न उच्च व उत्तरदायित्वपूर्ण प्रशासनिक तथा न्यायिक पदों पर कार्य करने का लम्बा अनुभव है।
Product Details
| ISBN 13 | 9789390271252 |
| Book Language | Hindi |
| Binding | Paperback |
| Total Pages | 102 |
| Author | Mr G M AGARWAL |
| Editor | 2020 |
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| Category | Indian Classics Bhartiye Pustakein |
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