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Beti (cristhi ka aadhar)
Beti (cristhi ka aadhar)
Product Description
इस पुस्तक का प्रयोजन मानव समाज को कोई विशेष प्रकार की शिक्षा देना नहीं है बल्कि इस पुस्तक से मेरा प्रयोजन "मानवता” से है भावनाओं में मानवीयता की जागृति से है जो अनादिकाल से चले आए है | तकनीकीकरण ने मानव समाज को बहुत कुछ दिया है लेकिन मानवता के अभाव में बहुत कुछ छीनता भी जा रहा है उदाहरण के तौर पर अल्ट्रासाउण्ड जैसी तकनीक को लिया जा सकता है, जो जीवन बचाने के लिए विकसित की गयी थी, परंतु मानवता के अभाव में इसने संसार से असंख्य बेटियों को छीन लिया, "यूनीसेफ” के अनुसार - दस प्रतिशत महिलाएँ विश्व की जनसंख्या से लुप्त हो चुकी हैं।यह पुस्तक किसी व्यक्ति, धर्म, जाति, लिंग, समुदाय, राज्य, देश आदि की भावनाओं को किंचित मात्र भी ठेस पहुँचाना नहीं चाहती, बल्कि यह पूरे विश्व समाज से बहुत ही मार्मिकता के साथ अपील करना चाहती है कि बिना समय गँवाए, मानवता के विकास कार्य में जुट जाएँ क्योंकि जब-जब संसार में मानवता और इंसानियत का अभाव हुआ है तब-तब संसार उसका दुष्परिणाम झेला है। हिंसा किसी भी रूप में लाभदायक व हितकारी नहीं होती मानव के अंदर मानवता का विकास, संस्कार, शिक्षा, धर्म, ध्यात्म, पुस्तकों, फिल्मों आदि द्वारा ही होता है। सभी देश अपने नागरिकों में कम से कम इतनी मानवता तो जागृत करें जिससे वो अपनी संतान (बेटी) को जन्म लेने दे। यदि बेटियाँ नहीं रहेगी तो संसार भी नहीं रहेगा, परिवार, समाज की तो कल्पना भी करना बेकार होगा ।
Product Details
ISBN 13 9789388278195
Book Language Hindi
Binding Paperback
Total Pages 64
Author SATISH CHANDRA TIWARI
Editor 2018
GAIN HUDZON3XN8S
Category Books   Fiction   Poetry  
Weight 200.00 g

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इस पुस्तक का प्रयोजन मानव समाज को कोई विशेष प्रकार की शिक्षा देना नहीं है बल्कि इस पुस्तक से मेरा प्रयोजन "मानवता” से है भावनाओं में मानवीयता की जागृति से है जो अनादिकाल से चले आए है | तकनीकीकरण ने मानव समाज को बहुत कुछ दिया है लेकिन मानवता के अभाव में बहुत कुछ छीनता भी जा रहा है उदाहरण के तौर पर अल्ट्रासाउण्ड जैसी तकनीक को लिया जा सकता है, जो जीवन बचाने के लिए विकसित की गयी थी, परंतु मानवता के अभाव में इसने संसार से असंख्य बेटियों को छीन लिया, "यूनीसेफ” के अनुसार - दस प्रतिशत महिलाएँ विश्व की जनसंख्या से लुप्त हो चुकी हैं।यह पुस्तक किसी व्यक्ति, धर्म, जाति, लिंग, समुदाय, राज्य, देश आदि की भावनाओं को किंचित मात्र भी ठेस पहुँचाना नहीं चाहती, बल्कि यह पूरे विश्व समाज से बहुत ही मार्मिकता के साथ अपील करना चाहती है कि बिना समय गँवाए, मानवता के विकास कार्य में जुट जाएँ क्योंकि जब-जब संसार में मानवता और इंसानियत का अभाव हुआ है तब-तब संसार उसका दुष्परिणाम झेला है। हिंसा किसी भी रूप में लाभदायक व हितकारी नहीं होती मानव के अंदर मानवता का विकास, संस्कार, शिक्षा, धर्म, ध्यात्म, पुस्तकों, फिल्मों आदि द्वारा ही होता है। सभी देश अपने नागरिकों में कम से कम इतनी मानवता तो जागृत करें जिससे वो अपनी संतान (बेटी) को जन्म लेने दे। यदि बेटियाँ नहीं रहेगी तो संसार भी नहीं रहेगा, परिवार, समाज की तो कल्पना भी करना बेकार होगा ।
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ISBN 13 9789388278195
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Author SATISH CHANDRA TIWARI
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