अञ्जेशबरनवाल का जन्म सन् 1973 में वैश्यकुल के एकव्यापारी परिवार में हुआ। गृह जनपददेवरिया में प्रारम्भिकशिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त उनकी माध्यमिकशिक्षा उत्तराखण्ड वहरियाणा स्थित विद्यालयों में सम्पन्नहुई। स्नातकवपरास्नातकस्तर की शिक्षा लखनऊविश्वविद्यालय से पूर्णणकरने के उपरान्त सन् 1999 की उत्तर प्रदेशराज्य की सिविल सेवा परीक्षा में उनका चयनहुआ जिसकी परिणतिस्वरूप सन् 2001 में उनका पदार्पपणराजकीय सेवा में हो गया।
अपने जीवनकाल में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सम्पर्ककमें आए अनेकव्यक्तियों के प्रभावके फलस्वरूप और देश-काल-जनित परिस्थितियों से प्रेरित होकर, अपने राजकीय दायित्वों के निर्ववहनके साथ ही साथ, सन् 2020 में उन्होंने लेखनी उठाने का संकल्प लिया और आज एकलेखकके रूप में वे आपके समक्ष उपस्थित हैं। एकलेखकके रूप में उनकी यात्रा ‘सं गच्छध्वम्’ उपन्यासमाला के साथ प्रारम्भहुई, जिसके प्रथम खण्ड ‘सिन्धु तटका अनाम गाँव’ का प्रकाशनवर्षष 2022 में हुआ। इस यात्रा के अगले पड़ावके रूप में इस उपन्यासमाला का द्वितीय खण्ड अबआपके समक्ष प्रस्तुत है।