लेखक बाल्य काल से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नियमित शाखाओं में जाने के कारण उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास के बारे में जानने की जिज्ञासा निर्माण हुई।लेखक ने अपनी इस क्षुधा को विभिन्न लेखकों द्वारा लिखी गई पुस्तकें पढ़कर शांत करने का प्रयास किया l इस प्रकार लेखक का विगत दो दशकों से अध्ययन कार्य जारी रहा।
इस दौरान लेखक श्री अभय वसंत मराठे द्वारा लिखित दो पुस्तकें प्रकाशित हुई। "ओ!उठो क्रांतिवीरों" जिसमें लगभग ८०० से अधिक ज्ञात और अज्ञात क्रांतिकारियों के बारे में लिखा गया है। लेखक की दूसरी पुस्तक "अमर क्रांतिवीर उमाजी राजे" का प्रकाशन २०२२ में किया गया।इस अज्ञात क्रांतिकारी को पुस्तक के रूप में लाने का आग्रह प्रसिद्ध इतिहासकार स्व .बाबा साहेब पुरंदरे ने लेखक को किया था।
पुस्तकों की रचनाओं के साथ लेखक श्री अभय वसंत मराठे के अनेक लेख पत्र –पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हुए है।जिसका विषय प्रमुखता से भारतीय स्वतंत्रता के संग्राम का इतिहास तथा स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों का रहा है। दैनिक पत्र नईदुनिया (जागरण) के "किस्सा कुछ यू था" कालम में लेखक द्वारा लिखित १५० से अधिक ऐतिहासिक तथा अनछुएं किस्से प्रकाशित हुए l इसके साथ ही लेखक ने विभिन्न विद्यालय, महाविद्यालयों तथा सामाजिक संस्थाओं में व्याख्यान सत्रों में मुख्य वक्ता के रूप में सहभागिता कर ज्ञात तथा अज्ञात क्रांतिकारी तथा ऐतिहासिक घटनाओं को लोगों के समक्ष रखा l इसमें कुछ ऑनलाइन भी व्याख्यान हुए थे।
लेखक का प्रमुख उद्देश्य यह है कि लोगों को खासकर नवीन पीढ़ी के बच्चों को भारतीय स्वतंत्रता के महान इतिहास के बारे जानकारी प्राप्त हो और उसे पढ़कर ,जानकर वे राष्ट्रवाद , राष्ट्रसेवा में अपना योगदान दे।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में कई अनछुए पहलू व क्रांतिकारियों के कुछ अनसुने किस्सों को पर्याप्त स्थान प्राप्त नहीं हो सका इसलिए लेखक का यह महत्त्वपूर्ण प्रयास रहा हैं कि ऐसे "अचिह्नित" किस्से जनमानस के समक्ष आ जाए।